संदीप कुमार सिंह 07 Jul 2023 शायरी अन्य मेरी यह शायरी समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4902 0 Hindi :: हिंदी
(शायरी) गुफ्तगू तो खूब हम लोग करते हैं, बड़ा ही मज़ा हम सब लूटते हैं। तभी तो निष्कर्ष निकलता है, मन वांछित फ़ल पाते हैं। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....