Kranti Raj 30 Mar 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग 150 15779 0 Hindi :: हिंदी
समय की चक्र समझो यारो , होना मत कमजोर ! प्यार की हवा में बह जाना समझो वो कदर जानो यारो , कीमत हर पल की मानो जहुरी वो ही जाने यारो ! ईस्वर के दरवार मे हजारी लगा लो सीस झुकाकर किमत पहचानो , सुख दुख की राह मे समय की है,पहचान रेत की महलो वालो थोडा अपने सम्भालो ! सैतानो की पैदानो आजकल महल बनाते है समय की चक्र मे इंसान ही पिसाते है, कमजोरी समझो कमजोर को जो सोते बीना छत के किमत उसे भी जानो यारो ! समय की चक्र समझो यारो, होना मत कमजोर ! क्रान्तिराज बिहारी