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मै उस देश के वासी हुँ- पहले सुर्य के किरणे आती है

Kranti Raj 24 Aug 2023 कविताएँ देश-प्रेम 6669 0 Hindi :: हिंदी

मै उस देश के वासी हुँ
 पहले सुर्य के किरणे आती है
अपनी सतरंगी रंगो से 
धरती पर प्रकाश फैलाती है 

चिडीया चुँ चुँ गाती है
कोयल कुँ कुँ राग सुनाती है
मंदिरो की टन टन घंटी से
इस चमन को जगाती है 

हरि ओम के गीतों से 
सुबह सब को जगाती है
राम नाम के गीतों से 
इस गुलशन को बहार लाती है 

काले गोरे का कोई भेद नही
हर दिल से मेरा नाता  है 
हर धर्म के लोग रहते है
मानवता धर्म सिखलाता है

तीन रंगो के मेल से बना तिरंगा झंडा
उपर केसरिया बल भरने वाले
हरा धरती की हरियाली है
चक्र कहता चलता ही जाना है 

यहाँ माँ की दर्जा नदी को 
गंगा नदी कहलाती है 
भगवान बुद्ध का ज्ञान  हुआ
गया नगरी कहलाती है 

मै  उस देश के वासी हुँ
पहले सुर्य के किरणे आती है 

            कवि-क्रान्तिराज
             दिनांक-24-08-23

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