Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

अब हमारी बारी है।

Abhinav chaturvedi 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक Abhinav chaturvedi 16272 0 Hindi :: हिंदी

"अब हमारी बारी है"।

पढ़ा लिखाकर बड़ा कर दिया,
अब माँ-बाप की खत्म हुई ज़िम्मेदारी है।
हमारे कंधों पर अब उनकी ज़िम्मेदारी है।
कुछ बन कर दिखाने की अब हमारी बारी है।

खेल खेल में गिरते हैं,
 गिरकर वापिस उठते हैं ,
ठोकरें कई बार हम खाते हैं ,
उन्हीं ठोकरों से चलो नई राह बनाते हैं।
आने वाली पीढ़ी को अपनी कहानी सुनानी है,
 कुछ बन कर दिखाने की अब हमारी बारी है।

उन ममता भरे हाथों से कई तरह के पकवान खाएं हैं ,
जुग-जुग जिए लाल मेरा, जैसे कई आशीर्वाद पाए हैं।
उन आशीर्वादों के दम पर बहुत कुछ करना बाकी है,
कुछ बन कर दिखाने की अब हमारी बारी है।

स्कूलों के शिक्षकों ने हमें बहुत कुछ सिखाया है,
काले अक्षरों से हमे पूरी दुनिया का बोध कराया है।
भविष्य के राह में हमे ज्ञान की चिंगारी फैलानी है,
शिक्षकों को सम्मान देने की अब हमारी बारी है।

रिश्ते तो कई जन्म से बने ,
मगर दोस्त हमने खुद बनाया है,
मुसीबत में जब भी पड़े ,तो कई दोस्तों ने हाथ बढ़ाया है।
उन दोस्तों के खातिर अब हमें दोस्ती निभानी है।
उन सभी दोस्तों के आड़े वक्त-
साथ निभाने की अब हमारी बारी है।

समाज से हमने बहुत कुछ सीखा,
बहुत कुछ सीखना,बहुत कुछ सिखाना बाकी है।
ज़िन्दगी में प्रयासरत रहने में ही समझदारी है।
समाज की प्रगति में योगदान देने की अब हमारी बारी है।

देश ने हमें बहुत कुछ दिया , देशद्रोहियों ने भी देश में बहुत कुछ किया।
उन देशद्रोहियों को कर्मो की सज़ा देना बाकी है।
देश के मिट्टी का कर्ज चुकाने की अब हमारी बारी है।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: