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बेटी

संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मेरी कविता प्रेरणा से भरपूर है जो पाठकों के लिए बहुत ही उपयोगी रहेगा। 6622 1 5 Hindi :: हिंदी

बेटी दिवस बनी  खुशी, घर_घर दिखे उमंग।
बेटी अपनी ताज है, निर्मल पुनीत गंग।।

सुता बचाना जन सभी, करना कभी न नाश।
बेटी सबकी मूल है,छुआ सके आकाश।।

धरती बेटी से खिले, रहे दिव्य का अंश।
प्यार भाव  की छवि सुता, इनसे बढ़ती वंश।।

बेटी खुशियां दे सदा, मात पिता के प्राण।
भूले कभी न ये हमें, देती अवश्य त्राण।।

बेटी जग में फूल सी, शुद्ध खिले संसार।
जीवन में सौरभ भरे, गुलशन हो परिवार।।
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

Comments & Reviews

Abhigyan Singh
Abhigyan Singh Gajab

7 months ago

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