रोhit Singh 30 Jul 2023 कविताएँ दुःखद #रोhitsingh #poetry #sahitya 6094 0 Hindi :: हिंदी
मुद्दत बाद सफ़र मिला हैं..जिंदगी तू अब ठहर मत चलते रहे बस उसी रास्ते..गिन तू अब शहर मत...! जो गुजर रहा हैं उसे बस..अब गुजरने दे तू हंसी ख़ुशी के चक्कर में..अब ज्यादा बहक मत...!! ये वक्त हैं सब कुछ बदल..देता हैं अख़बार की तरह अब ज्यादा सोच कर तो..इस में इतना उलझ मत...!! ना कोई हमसफ़र यहां..साथ देता है सफ़र तक किसी के नुमाइश में तू..इतना आईने के सामने सबर मत...!! -रोhit Singh..✍️