DIGVIJAY NATH DUBEY 24 May 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #साहित्य लाइव#दिग्दर्शन 7273 0 Hindi :: हिंदी
तू जो दे दे साथ मेरा तो यह संसार हमारा होगा पड़ जाता हु मै अकेला जग की कोई बात करू सोच सोच के मन अकीचिंतन किस किस से सुरुआत करू कोई मिले मेरा साथी जो बात बराबर समझावे राह में चलने की सारी हर एक पल तरकीब बतावे यह उम्मीद जो दिल में लेकर दुनिया को समझाना होगा तू जो दे दे साथ मेरा तो यह संसार हमारा होगा । हां तुझको होगा असमंजस कुछ दिन की तो बातें हैं शायद उसके बाद तेरी उम्मीदों की बरसाते हैं हाथ पकड़कर चलने में तुम इक संकोच का भाव न रखना जो है तेरी राह का काटा कुछ पल को तुम साख पे रखना मजिल पाने के खातिर तब कदम से कदम मिलाना होगा तू जो दे दे साथ मेरा तो यह संसार हमारा होगा । दुनिया की तकरीरें हैं जो पाव पकड़कर पीछे रखती मेल मिलाकर पूरी कोशिश काया की जंजीर में कसती क्या जग की माया रोकेगी क्या रोकेगा झुंड अंधेरा चल निकलो बस संग मेरे अब मिल जाएगा मधुकर मेला चिड़ियों की आवाज है आई अब तो बादल जाना होगा तू जो दे दे साथ मेरा तो यह संसार हमारा होगा ।। दिग्दर्शन !