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मारा मारा मैं फिरा-मुझे अजनबी थाम कर नेह किया बरसात

संदीप कुमार सिंह 09 Jul 2023 कविताएँ अन्य मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5029 0 Hindi :: हिंदी

(दोहा छंद)
मारा मारा मैं  फिरा,प्यास न जाने जात।
मुझे अजनबी थाम कर, नेह किया बरसात।।

यही बात है सीखना, प्यास न जाने जात।
रहते कांटे फूल सह,करते मन की बात।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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