संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मेरी इस कविता को पढ़कर पाठक गण अवश्य ही लाभान्वित होंगें। 6948 0 Hindi :: हिंदी
बड़े भाग्य की बात है, मातु पिता हैं साथ। खुशियां घर में नित रहे, गौरव मय है माथ।। बड़े भाग्य की बात है, मनुज वंश में जन्म। सदा धरा पर है खुशी, सुन्दर लगते बज्म।। बड़े भाग्य की बात है,खुशियां मेरे पास। दिल में चाहत खूब है, होंगें पूरे आस।। बड़े भाग्य की बात है, रिश्ते नाते खास। रिश्तों को रखता बचा, जीवन में है हास।। बड़े भाग्य की बात है, सब साधन है आज। और अभी अरमान है,अपना ही हो राज।। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....