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कह नहीं सकते-आँखों के मोती कब छलक जाए

Samar Singh 01 Jul 2023 गीत दुःखद आँसू के भी कई रंग है, खुश हो जाओ तो आँसू, गम में रहो तो भी आँसू। 5069 0 Hindi :: हिंदी

आँखों के मोती, 
कब छलक जाए, 
कह नहीं सकते। 
बीती यादों की, 
कब झलक आये, 
कह नहीं सकते।। 

कभी हँसी- खुशी में भी, 
आँखों में मोती सज जाते हैं। 
कभी गम की घड़ी में भी, 
आँखों में मोती बस जाते हैं। 
देख के इनको, 
हर कोई बहक जाए, 
कह नहीं सकते। 
आँखों के मोती............।। 

इन आंसुओं की मोती में, 
क्या फर्क होता है, । 
खुशी के मोती में स्वर्ग, 
दुःख की मोती में नर्क होता है।। 
इन आंखों की मोतियों को देखकर,
किसका दिल दहक जाए, 
कह नहीं सकते। 
आँखों के मोती.........।। 

रचनाकार- समर सिंह " समीर G "

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