RAJNI CHOUDHARY 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य बेटियां 21132 0 Hindi :: हिंदी
बेटियां पापा की परी से जिम्मेदार बहू बन जाती है बेटियां... मां के आंचल से एक दिन पराई हो जाती हैं बेटियां... तेरा मेरा करते करते हमारा कहने लग जाती है बेटियां... दादा दादी की राज दूल्हारी एक दिन विदा हो जाती हैं बेटियां थोड़ा काम में थकने वाली पूरे घर को संभालने लग जाती है बेटियां घर की परी बन एक दिन पराई हो जाती हैं बेटियां हर बात में लड़ने वाली चुपचाप सुनने लग जाती है बेटियां ममा पापा से खर्चा करने वाली एक-एक पैसा जोड़ने लग जाती है बेटियां सच ही कहा किसी ने बेटी से बहुत तक बहुत बदल जाती है बेटियां... Rajni Choudhary