DINESH KUMAR KEER 25 May 2023 कविताएँ समाजिक 4848 0 Hindi :: हिंदी
माँ की दुआ... बहारों के मौसम में भी दिल में पतझड़ है, किसी ने हमें दुआएं दी तो कहीं सिर्फ तोहमतें मिली, झोली मेरी खाली थी, जिसने जो प्यार से दिया उसको हमने सर झुका के लिया, जिंदगी का सफ़र अब तो बहुत काट लिया, बाकी बचा कितना, वो भी मां की दुआ के सहारे कट ही जायेगा...