मोती लाल साहु 06 Sep 2023 कविताएँ समाजिक मांँ 5295 1 5 Hindi :: हिंदी
बिना बात- जान ले सब, मांँ ही है वह रूप सर्वश्रेष्ठ- रचा कुदरत, मांँ ही है वह रूप भावना- से भरी चाह, ममता झरे निर्मल बहे वहां- असीम प्रेम, वही मांँ का आंचल कहां- नहीं बसा ईश्वर, मांँ है उसका रूप मांँ ए-देखा-विश्वरूप, प्रभु खोलें ख़ुद ए-मुख....!!!! -मोती
7 months ago