Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

आत्म साक्षात्कार

कविता केशव 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक ज्योति रूप आत्मा से परमात्मा का मिलन 78048 0 Hindi :: हिंदी

सुन री सखी, सुन री मेरी बहना,
क्या कहते हैं मेरे सपनों से भरे दो नैना।।
बन तितली मैं उड़ जाऊं आसमां में,
भूल जाऊं इस बेरंग दुनिया की रैना ।।
ना चाहिए हीरे मोती ना कोई बेशकीमती गहना,
मुझको तो बस अपनों के दिल में है रहना।।
पतंगा बन कर मर मिट जाऊं उस ज्योति पर,
जिस ज्योति में बसते हैं मेरे सजना।।
आत्मा से आत्मा का साक्षात्कार कर लूं मैं,
जिससे जीते जी इस शरीर से हो जाए मरना।।
पतंग बनाकर अपने सपनों को इतना ऊंचा उड़ाऊ मैं,
छोड़ूं डोर और कह दूं जा! उड़ जा ! जिस और तुझे है उड़ना।।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: