Ujjwal Kumar 05 Jul 2023 कविताएँ अन्य कल की चिंता छोडो, the childhood poem write by-ujjwal kumar 5009 0 Hindi :: हिंदी
कल की चिंता छोडो, आज मे जीना सीखो, कुछ देर ही सही, बच्चे बनकर देखो. मिल जायेंगी खुशी, थोडा खुलकर जीना, . सीख लो............,. गुजरा हुआ भूत, आनेवाला भविष्य , थोडा सा भुलकर , तो देख लो....,. आपने विचारो को, पंछी बनकर उडने का, मोका तो दे कर देखो, शांति मिलेगी तुम्हे, कुछ देर खुद को, टटोलकर तो देख लो. थोडा सा आज मे, जी-कर बच्चा बनकर, तो देख लो......., बच्चा बनकर तो देख लो. 🌹रचनाकार🌹 ✍उज्जवल कुमार