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लहरे गम कि

Suraj pandit 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद Life 14535 0 Hindi :: हिंदी

कुछ शब्दे मन मे हि रह जाती है
कुछ हसीं मे छिप जाती है
किया मन कह रहा 
दिल मे हि लीन हो जाती है
कुछ शब्दे ख़ुशी के 
तो कुछ शब्दे गम के 
अरमान के सागर मे 
बूंद बन जाती है
यू बूंदें आसमा कि 
सागर बन जाती है
हर लहरे गम कि 
खुशी के एक पल मे छिप जाती है
हर अल्फाज को 
पन्ने पे यू उतारता हूँ
गम के सागर मे 
यू तैरता रहता हूँ
किया कहुँ जिंदगी कि कहानी
गम कि नदी मे खुशी के 
 नाव पर कर रहा हूँ।
        ------------   सूरज पंडित

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