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हमसफर मैं तेरे लिए [ मुक्तक छंद]

संदीप कुमार सिंह 28 Apr 2023 गीत प्यार-महोब्बत मेरा यह गीत समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6667 0 Hindi :: हिंदी

हमसफर मैं तेरे लिए, तूं मेरा है श्वास।
जुदा जुदा न कभी रहूं,सदा रहूं हम पास।
दीया बाती बन यहां,फैलाऊं नित ज्योति_
सबके आऊँ काम हम,बना रहूं तब खास।
स्वरचित मौलिक
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार

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