Shiwani vishwakarma 30 Mar 2023 शायरी अन्य जिंदगी 8289 0 Hindi :: हिंदी
"उलझनों की भीड़ में लापता है जिंदगी, सुबह से शाम तक खफा है जिंदगी, क्या चाहती तू मुझसे , या क्या मैं चाहूं तुझसे , लौट आ एक हीं बार, न आना है यहाँ बार-बार।" Sivi_vish
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