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गीत-संगीत को हदय से लगा लो

Raj Ashok 14 May 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत प्रीत 8243 0 Hindi :: हिंदी

उफ्, क्या 
 वाकई कोइ रहस्य है। दुनियाँ मे
जो हर जीवन को 
हर एक मन को ,
 सगीत की प्रीतमय मघुर 
घुन सी इन लहरों  मे 
अपने प्रीतम को ढुढता 
हवा सा ,बह जाता है। 
बढाता है। कदम आलीगन को
देख के खामोशी,
से हदय पीड़ा सहजाता है । वो 
ये देखों। 
प्रीत का सच, तो 
ईश्वर ने भी नहीं जाना ।
रजा है। संसार उसी ने
 मगर प्रीत मे डूबा 
साँवरिया भी बाँसुरी
बजाता है। 
 सगीत के हर सूर मे प्रेम
बसता है।
अब गीत-संगीत को हदय से लगा लो ं

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