Preeti singh 07 May 2023 आलेख अन्य शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए क्या ले शाकाहार या मांसाहार 5719 0 Hindi :: हिंदी
जब भी मांसाहार और शाकाहार की बात शुरू होती है तो मांसाहारी और शाकाहारी दोनों ही अपनी-अपनी बहस में जुट जाते हैं लेकिन वास्तव में क्या सही है मांसाहारया शाकाहार इस मुद्दे पर मैंने कई स्रोतों से पता किया तभी जाना कि मांसाहार और शाकाहार के दो पहलू है पहला है धार्मिक और दूसरा है वैज्ञानिक तो हम पहले बात करते हैं धार्मिक पहलू की जहां ईश्वर ने सभी प्राणियों में जीवन है ऐसा बताया है तो अगर हम जीवो को काटकर मार कर अपने भोजन में शामिल करते हैं तो इस प्रकार हम जीवो पर अत्याचार करते हैं तो एक प्रश्न और भी सामने आता है कि क्या फल फूल बनस्पति अनाजों में जीवन नहीं है वह भी तो वृद्धि करते हैं तो हमारे संविधान में जैसे कुछ चीजों पर कर है और कुछ चीजें कर मुक्त हैं उसी प्रकार ईश्वर ने जहां पर अनाज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराएं हैं वहां अनाज फल फूल बनस्पति ओं को भोजन में शामिल करने पर हमें कोई पाप नहीं लगता और जहां अनाज की कमी है वहां अनाज पर्याप्त मात्रा में उत्पन्न नहीं हो पा रहे हैं वहां बस मांस पर ही जीवन निर्भर है वहां मांस खाने पर पाप नहीं लगता जिस प्रकार सेना के द्वारा दुश्मनों को मारे जाने पर हत्या का आरोप नहीं लगता उसी प्रकार अपने पेट को पालने के लिए उपलब्ध सामग्री प्रयोग करने पर पाप नहीं लगता तो अगर हमारे पास अनाज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है तब भी अगर हम मांस का उपयोग करते हैं तो हम पाप के भागी होते हैं लेकिन अगर हमारे पास पेट भरने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है तो हम मास का उपयोग कर सकते हैं वहां हम पाप मुक्त हैं ऐसा ग्रंथों में बताया गया है तो यह रहा धार्मिक पहलू दूसरा है वैज्ञानिक पहलू वैज्ञानिकों विशेषज्ञों की माने तो हमारा शरीर शाकाहार भोजन को ग्रहण करने के अनुकूल बनाया गया है और अगर हम मास का उपयोग करते हैं तो हमारे शरीर के अंगों को उसे पचाने में कठिनाई होती है जिससे हमारे शरीर के अंगों पर दबाव पड़ता है जिससे कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होती हैं आप देखें तो विदेशों से हमारे देश में कई बीमारियां आई है तू प्रश्न उठता है कि क्या विदेशों में रहने वाले लोगों के सारे अंग मांस खाने के लिए बनाए गए हैं तो जो मांस का सेवन ज्यादा करते हैं उनका शरीर मास पचाने का आदी बन जाता है और हम भारतीय अनाज का उपयोग ज्यादा करते हैं और मांस उपयोग कम करते हैं और हमारे यहां अनाज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं जबकि विदेशों में कई जगहों पर अनाज उपलब्ध नहीं है इसीलिए वहां के लोग ज्यादातर मास पर निर्भर है तो हम देखते हैं कि दोनों ही पहलू में मांसाहार निषेध है तो अब यह आपको सोचना है कि आप मांसाहारी बने या शाकाहारी और स्वस्थ रहने के लिए शाकाहारी भोजन में वह सब कुछ है जो मांसाहार में भी नहीं है तो कमेंट करें और बताएं कि आप शाकाहारी रहना चाहते हैं या मांसाहारी। धन्यवाद। Preeti singh