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यादों का झुरमुट खोल सखी-तेरे मन को बहुत ही भाएगा

Sudha Chaudhary 02 Sep 2023 कविताएँ अन्य 8429 0 Hindi :: हिंदी

यादों का झुरमुट खोल सखी
तेरे मन को बहुत ही भाएगा
जो भूल रूठा है तुमसे
याद सहज आ जाएगा।

मैं को मै से मत छीन सखी
तेरी आदत में आ जाएगा
तू टूट गई तो मेरा क्या
तेरा ही सब कुछ जाएगा।

जितना तू दुख से दूर सखी
सुख उतना क्या मिल पाएगा
मत भाग कभी इस जीवन से
अंतिम सुख यहीं पर आएगा।

कागज की नाव नहीं सखी
न डुबे न उतर आएगा
जीवन रूपी सरहद है
पर हुआ तर जाएगा।

सुधा चौधरी
बस्ती

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