संदीप कुमार सिंह 30 Apr 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6496 0 Hindi :: हिंदी
सुनता कौन गरीब की,उलझन सबके पास। अपनों में उलझे रहे,छोड़े कभी न आस। जीवन में संग्राम है, होता है अति रोष_ आफत है सबके यहां,जीवन में है ह्रास। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....