सुधीरकुमारपन्नालाल प्रतिभा 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरा प्रेम और उनका प्रेम 27619 1 5 Hindi :: हिंदी
वो हंस-हंस कर थक गई मैं रो-रो करके थक गया वो प्रेम नहीं नाटक करती थी मैं नाटक नहीं प्रेम करता था प्रेम हमारे लिए पूजा की तरह थी प्रेम उनके लिए खिलौना की तरह था मेरा प्रेम अनश्वर और अविनाशी था उनका प्रेम नया और पुराना भी होता था मेरा प्रेम निस्वार्थ और निष्कपट था उनका प्यार छलिया और फरेबी था मेरा प्रेम समर्पण था अर्पण था उनका प्रेम लुटेरा और भगोड़ा था
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