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किताब होना चाहूंगा

Rambriksh Bahadurpuri 26 Apr 2023 कविताएँ समाजिक #Rambriksh Bahadurpuri #Rambriksh Bahadurpuri kavita #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar#Ambedkar Nagar poetry #Kitaab per kavita 5191 0 Hindi :: हिंदी

कविता -किताब होना चाहूंगा 

ख्वाब    होना    चाहूंगा
शबाब    होना    चाहूंगा
हर   प्रश्नों   के उत्तर का 
ज़बाब   होना   चाहूंगा। 

रुवाब     होना    चाहूंगा
सैलाब    होना    चाहूंगा
जीवन  के  हर पहलू का
हिसाब   होना   चाहूंगा। 

जनाब    होना    चाहूंगा
नबाब    होना     चाहूंगा
गंगा जमुनी  तहज़ीब का
आदाब   होना   चाहूंगा। 

गुलाब     होना    चाहूंगा
लाजवाब   होना  चाहूंगा
आन     बान    शान   से
बेताज    होना    चाहूंगा। 

आगाज़   होना   चाहूंगा
आवाज   होना   चाहूंगा
देश  पर  मर  मिटने का
मिज़ाज   होना  चाहूंगा। 

नजीब    होना   चाहूंगा 
अजीब   होना   चाहूंगा
हर  किसी  भी एक का
नसीब    होना   चाहूंगा। 

अफताब   होना चाहूंगा
खिताब   होना   चाहूंगा
यानी    कुल   मिलाकर
किताब   होना  चाहूंगा। 

रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर यू पी

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