Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

कुछ तो कीमत समझ-अभी समय ना गुजरा

Sandeep ghoted 19 Jul 2023 कविताएँ समाजिक कुछ तो कीमत समझ poem written by Sandeep ghoted 6226 0 Hindi :: हिंदी

कुछ तो कीमत  समझो
अभी समय ना गुजरा
 कुछ तो कीमत  समझो
 डाल दो उन हथियारों को 
जो उठाए तूने जड़ काटने को 
कुछ तो कीमत समझो 
मानव सभ्यता क्या यू मिट जाएगी 
इस औद्योगीकरण के पीछे 
कुछ तो कीमत समझो
 कि औद्योगिकरण की इस प्रक्रिया ने
 नाश ही कर दिया है 
ऊपर है नीला आसमां 
नीचे है नील भरा 
पेड़ों के उगते ये कोंपले
मन को तेरे मोहाते नहीं क्या 
जो तू और विकास करना चाहे 
कुछ तो कीमत समझो
 अपने नई पीढ़ी की चिंता कर 
उनके हाथ भी कुछ आने दे 
कुछ तो कीमत समझो
 आज पेड़ कटेगा तो 
कल सुनामी में डूब जाएगा 
अपने अस्तित्व की 
कुछ तो कीमत समझो 
                                    संदीप घोटङ

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: