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एक मुस्लसर नजर के काफिरे में घिर गए हम

Baba ji dikoli 22 Apr 2023 शायरी प्यार-महोब्बत Shayri/kaveeta/poem/nagma/gajal/lokyukti 7389 0 Hindi :: हिंदी

एक मुस्लसर नजर के काफिरे में घिर गए हम
हाथ में थी शमशीर पर ठहर गए हम
खूंखार जंगजुओ में नाम था हमारा 
पर उनकी दिल नशि अदाओं पर मर गए हम।
@Baba ji dikoli

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