Ujjwal Kumar 13 Jun 2023 शायरी अन्य Target 20524 0 Hindi :: हिंदी
"सूरज हर शाम को ढल ही जाता है, पतझड़ बसंत में बदल ही जाता है, मेरे मन मुसीबत में हिम्मत मत हारना, समय कैसा भी हो गुज़र ही जाता है" उज्ज्वल कुमार 🖊
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