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कश्मीर घाटी

Amit bhatt 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम कश्मीर घाटी 25084 0 Hindi :: हिंदी

वह नर मुंडो वाली चामुंडा भी बेबस बैठी थी घाटी में l 
बर्फीले बर्फानी पर भी धूल जमी थी घाटी में ll 
उठो भैरब अब लक्ष्य साधो खड़क खप्पर कृपाण उठाओ l 
माता वैष्णो बुला रही है दुष्टों को  तुम मार भगाओ ll 

शिव का डमरू डोला है वह सिंह वाहिनी जागी है l 
खप्पर धारी माता काली रक्त कि वह प्यासी है ll 
बता दो उन गद्दारों को जो बुरी नजर से देख रहे l 
केसर घाटी भारत की है उसको हम सब सींच रहे ll 
1 इंच जो कदम बढ़ाया मारे वहीं पर जाओगे l 
महाकाल के त्रिनेत्र से भस्म वही हो जाओगे ll 

सिंधु की ललकार सुनो हिमालय की हुंकार सुनो l 
जागो सिंह वाहिनी है कल्याणी जगत का कल्याण करो ll 
हे माहेश्वर हे जगदीश्वर दुष्टों का संहार करो l 
कश्मीर घाटी बेबस है तुम उसका उद्धार करो ll 

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