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सुहागिन

Raj Ashok 19 Apr 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत सुहागिन 6944 0 Hindi :: हिंदी

मिट्टी हे। ये सुहाँगिन 
तेरे ख्वाब की ,
मै बाते नहीं करती ।
खुशबू है। ये 
कोई बीन खिले गुलाब की 
मे बाते नहीं करती । 
साँसो की डोर से, 
जुडे है।  बन्धन
मे बाते नहीं करती ।
अंग- अंग मे समाई बेचैनी,
नाम पिया का पुकारे 
मै बाते नहीं करती। 
आईने मे, दीदार
घड़ीयों का ये इन्तजार 
मे बाते नहीं करती 
देखने को तो आज 
खडा़ है। संसार
तेरा दिल निहारे
अपने पिया को 
मे बाते तो नहीं करती। 
आखिर ये मिलन की घड़ी है।
कह दे दिल कि बात 
...........

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