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कोयल पर गीत-कोयल के बोल सुनो रे मनमोहन

Shivani singh 27 Jun 2023 गीत अन्य 8819 1 5 Hindi :: हिंदी

कोयल के बोल, सुनो रे मनमोहन,
हरश में रंगती चिड़िया, मनोहारी गान सुनाती रे।
मधुर स्वरों में रंगीली बोली,
धीरे-धीरे बारिश की खुशबू छाती रे।

प्रेम के बंधन में बंधी है कोयल,
मिठास भरी है उसकी आवाज़ में रे।
उसके गीत से मन जो भरा,
प्यार और आनंद से भरा रे।

रंगीन पंछी अपनी सियाही में,
बसर है कोयल के अलख जगाती रे।
सबको मदहोश कर देती है वो,
सपनों की धुन में झूमती रे।

जंगल की गहराई में जब सब सोते हैं,
कोयल की आवाज़ सबको जगाती रे।
प्रेम की भाषा उसकी बोली है,
आसमान को छू लेती वह गाती रे।

कोयल के गीत अनमोल हैं,
मन को भर देते हैं उनके सुर रे।
उनकी मधुरता से हीरे चमकते हैं,
खुशियों से भरे हैं उनके पुर रे।

कोयल के गान सुनते हैं सब,
उनकी मधुरता में खो जाते हैं रे।
उनकी आवाज़ से जगमगाता है दिल,
प्रेम के रंग में रंग जाते हैं रे।

ये था कोयल पर एक छोटा स

ा गीत,
मनोहारी सुरों में छुपी मधुशाला रे।
सुनो और उसकी गायकी में खो जाओ,
आनंद और सुख की अनुभूति करो रे।

Comments & Reviews

Pradeep Kumar Maurya
Pradeep Kumar Maurya Nice 🙂🙂🙂🙂🙂

1 month ago

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