Poonam Mishra 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक लगता है होली आई है 7677 0 Hindi :: हिंदी
कान्हा !लगता है होली आई है। मस्ती ,में सब डूबे हैं जी भर कर सब गा रहे हैं । हर पल को रंगीन बना रहे हैंl लगता है कान्हा होली आई है l मैं इस होली के अवसर पर कान्हा तुमसे कुछ कहना चाहती हूं ? तुम अपने रंग में रंग लो मुझकोl तो मैं जानू होली है l देखा बहुत दिनों तक मैंने दुनिया के रंगों को l पर इन रंगों में रंग न सकी मैं अब तक मेरी साड़ी कोरी है l बहुत से रंग पड़े हैं मुझ पर सब रंग लगते कच्चे हैं l तन तो मेरा भीग गया हैl पर मन तक रंग ना पहुंच पायाl दिल कहता है ओ !कान्हा !तुम ऐसा रंग लगा देना l बेरंग हो गए जीवन में l कुछ पक्का रंग चढ़ा जाना l अपने रंग में रंग दो कान्हा ! तो मैं जानू होली हैl स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा उत्तर प्रदेश वाराणसी