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ग़ज़ब

Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ राजनितिक 7314 0 Hindi :: हिंदी

कविता - ( ग़ज़ब ) 

नेता जी की देखो ! 
क्या ग़ज़ब की बात !! 
जीतने से पहले सेवक ! 
जीतते ही सरताज !! 
नेता जी की देखो ! 
क्या ग़ज़ब की बात !! 

याचक बनकर घर-घर जाँए ! 
भिक्षा में मांगे जीत !! 
जीतते ही फरियाद हमारी ! 
इनको लगती भीख !! 
भिक्षा ने ही बदले ! 
इन याचक के हालात !! 
नेता जी की देखो ! 
क्या ग़ज़ब की बात !! 

मंदिर जाँए मस्जिद जाँए ! 
घूमे चारो धाम !! 
धर्म का मतलब नहीं पता है ! 
धर्म के ठेकेदार !! 
जनेऊ पहन याद आए ! 
इनको अपनी जात !! 
नेता जी की देखो ! 
क्या ग़ज़ब बात !! 

असली मुद्दे सुलझ न पाए ! 
मुद्दों में ही हमको उलझाए !! 
मुद्दों की बनाके सीढ़ी ! 
जीत का परचम ये लहराए !! 
जीतेते ही यह मुद्दे ! 
जुमले वाली बात !! 
नेता जी की देखो ! 
क्या ग़ज़ब की बात !! 

आंदोलन की चिंगारी ने ! 
बदल दिया इतिहास !! 
गरीबो को समर्पित ! 
गरीबो की सरकार !! 
लोकपाल का बिल ! 
गुज़रे पल की बात !! 
नेता जी की देखो ! 
क्या ग़ज़ब की बात !! 

गुंडे और मवाली ! 
हो गए बेरोज़गार !! 
साईकल की सवारी ! 
अब हो गई बेकार !! 
गठजोड़ के संबंधो से ! 
बन न पाई बात !! 
नेता जी की देखो ! 
क्या ग़ज़ब की बात !! 

लिख रही है लेखनि ! 
नहीं किया भेद भाव !! 
पार्टी नहीं चरित्र से ! 
होगा नव निर्माण !! 
नेक नियत नेक इरादे ! 
तब बदलेंगे हालात !! 
नेता जी की देखो ! 
क्या ग़ज़ब की बात !! 

   विपिन बंसल

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