Amit Kumar prasad 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम यह कवित्ता भारत्त वर्ष के हर भविष्य को एक हिम्मत्त के तौर पर दि गई है, मै नहीं ज़ानत्ता कि मेरा क्या भविष्य है, किन्तु हर वतन प्रस्त चाहे विश्व का कोई भी देश हो अपने वतन को खिलत्ता देखना चाहत्ता है, इस कवित्ता के माध्यम से प्रत्ती ज्ञान और ताक्त कुल मिलाकर संघर्ष को सफ़लत्ता का मार्ग अपने ज्ञान से प्रस्त किया है, सभी को अच्छा लगे जरूरी नहीं किन्तु देश प्रेम लोक कल्याण हैं!! आशा करता हुं, कि मेरी यह रचना आप सबको अच्छा लगे! ✊ जय हिन्द 🙏 जय भारत्त 🙌 हिन्द - हिन्दुस्त्तां हरे - हरे 👏 68630 0 Hindi :: हिंदी
रूको नहीं बाधाओं से, तु बढ़त्ता चल, तु चलत्ता चल! रूकों ना घीरीं घटाओं से, तु बढ़त्ता चल तु चलता चल!! तु चल कि मंज़ीलें थमीं मिलें, संघर्षों से सफ़लता दबी मिलें! जीत से नाज़ लहराएगा, हारा तो शीख बन जाएगा!! झुंकों नहीं बाधाओं के समक्क्ष, तु बढ़त्ता चल, तु चलत्ता चल! तु शुरवीर, तु अग्नी पंथ, तु बढ़त्ता चल, तु चलत्ता चल!! चल - चल के देख रत्नेश धार, जग्ती को शुधा पिलात्ती हैं! चट्टान बने बाधा कितने, लहर का ध्वज़ फ़हरात्ती हैं!! मान प्रबल होता हैं तभी, जब ज़जबा धरत्ता राग नया! युं हीं नहीं तुच्छ चट्टानों को, धरत्ती पर पुजा जात्ता है!! तु चल कि मंज़ीलें रौशन हो, मेहनत्त से सफ़लत्ता उन्मत्त हो! ये दिव्य धरा और नील गगन, कर रहें चाह कि इब्बाद्दत जो!! तु तोड़ बेंड़ीयां सदियों कि, स्वाधिन कण - कण को करत्ता चल! स्वाधिनत्ता का अभीमान को ले कर, आज़ादी रग - रग मे भरत्ता चल!! घन्घोर घटा काले - काले, छाऐं हो भलें बन बाधाऐं! घन्नघोर अंधेरे के आगे, होत्ता प्रात: शु: ख: देने वाले!! स्वाधिनत्ता का अवाज़ तुम्ही, ध्वज़े कि मान पर अड़त्ता चल! त्तु ही है वीर त्तु हीं हैं ध्वल, वीरों कि चाल त्तु चलत्ता चल!! हैं सींह धरा का राष्ट्र पशु, पर हैं विवेक मानव कि तरह! जो बने स्वारी वीरत्ती कि, और समय पे रक्क्षक रूप धरा!! त्तु सींह धरा कि, मानवत्ता का रूप प्रबल, मानवत्ता के नाम को ऊंचा करत्ता चल! इस धरा गगन का भार अचल, धर - धर के रंग को भरत्ता चल!! तु चल जंजीरें टुटेंगीं, विद्या का अमर रस लुटेंगीं! भारत का हो जब मान प्रबल, श्रींगार अमर रस लुटेंगीं!! फ़िर, रूको नहीं बाधाओं से, तु बढ़त्ता चल, तु चलत्ता चल! रूकों ना घीरीं घटाओं से, तु बढ़त्ता चल तु चलता चल!! Poet :- Amit Kumar Prasad 👏 कवी :- अमित्त कुमार प्रशाद কবী :- অমিত কুমার প্রশাদ
My Self Amit Kumar Prasad S/O - Kishor Prasad D/O/B - 10-01-1996 Education - Madhyamik, H. S, B. ...