मोती लाल साहु 17 Jun 2023 शायरी समाजिक अपनों से- बिछड़ने का जख्म- हर दिन ताजा होता है, होठों में मुस्कुराहट- तो जमाना देखता है- अंदर दिल जलता रहता है। 12014 0 Hindi :: हिंदी
अपनों से- बिछड़ने का ज़ख़्म हर दिन ताज़ा होता है,, होठों में- मुस्कुराहट तो ज़माना देखता है अंदर दिल जलता रहता है..!! -मोती