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मानव के हृदय में कुदरती रूप

मोती लाल साहु 23 May 2023 आलेख समाजिक मानव के हृदय में कुदरती रूप से विद्यमान हैं, आनंद- विवेक-स्पष्टता-भाव-प्यार-दया और भी- परंतु इन्हें अंकुरित से लेकर पेड़ बनने तक ताकि यह फूल-फल सकें- एक माली की तरह देखरेख करना पड़ेगा- जहां ये नहीं होते वहां स्वत: ही नफरत-ईर्ष्या-डाह-काम-क्रोध-लोभ इत्यादि पनपते रहते हैं। 7375 0 Hindi :: हिंदी

मानव के- 
हृदय में कुदरती

रूप से-
आनंद-विवेक-स्पष्टता,
भाव-प्यार-दया विद्यमान हैं

परंतु इन्हें-
अंकुरित से लेकर,
पेड़ बनने तक ताकि यह 
फूल-फल सकें एक माली 
की तरह देखरेख करना पड़ेगा

जहां ये नहीं होते-
वहां स्वत: ही नफरत,
ईर्ष्या-डाह-काम -क्रोध
लोभ इत्यादि पनपते रहते हैं
-मोती

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