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दीप जलाकर

Anjani pandey (sahab) 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य ###खाली दिए 29311 1 5 Hindi :: हिंदी

कुछ दीप जलाओ ऐसे 
जो हृदय चीर दे तम का
हो आशाएं शून्य शिखर पर
मन मे ये सोच रखो 
कुछ कर जाए ,कुछ कर जाए।
               दीपक का उजाला प्रकाश दे
               मन में अंधेरा रहे न कोई कोना 
                अपने सपनो के पीछे लग जाओ
                  मन में ये सोच रखो 
                  कुछ कर जाए ,कुछ कर जाए।।
         अंजनी पांडेय( साहब)
               

Comments & Reviews

Aditya
Aditya Nice Story

10 months ago

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