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मेरा कसूर क्या था-दिल लगाने की गुनाह कर ली

Ranjana sharma 09 Aug 2023 कविताएँ दुःखद मेरा कसूर क्या था#google# 4347 0 Hindi :: हिंदी

मेरा कसूर क्या था
बस इतना कि तुझसे 
दिल लगाने की गुनाह कर ली

आखियों में आंसू भर आया मेरा
जब - जब दिल ने तुझे याद करने की भूल कर ली
दिल नादान था समझ ना पाया
जो तुझपे एतबार करने की जुर्रत कर ली

झूठी खुशियां पाकर दिल मेरा बड़ा मगरुर हुआ था
उसे क्या पता था उसने कौन सी गलती कर ली
ख्वाब की दुनियां को सच मान बड़ा गुरूर हुआ था
टूटा जब ख्वाब तो चोट बहुत गहरी खा ली

बेपनाह प्यार किया था जिससे हमने कभी
नासमझ थें हम उसे समझने में चूक कर ली
कमबख्त समझ भी आया तब हमें 
जब खुद के ही हाथों सब गवां बैठने की सजा पा ली
                           धन्यवाद🙏🏼

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