संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मेरी कविता प्रेरणा से भरपूर है जो पाठकों के लिए बहुत ही उपयोगी रहेगा। 4605 0 Hindi :: हिंदी
सुरभित रहते आप हो, सपने हो मंसूब। प्रेम प्रीत मानव रखें, कटे जिन्दगी खूब।। कटे जिन्दगी खूब, सजे जीवन तब सारा। मिसाल बनते आप, प्रेम हयात की धारा।। कहते कवि संदीप,करें सबको यूं गर्वित। पाओ सबका प्यार,जगत को करते सुरभित।। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....