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परेशानी खत्म कर दे-बड़ी आशा लगाए रखा हूं मैया जी

संदीप कुमार सिंह 19 Aug 2023 कविताएँ दुःखद मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 11875 0 Hindi :: हिंदी

बड़ी आशा लगाए रखा हूं मैया जी,
कुछ तो कृपा करें अब तो दया करें।
जिन्दगी मानो जिन्दगी न हो,
परेशानी का एक गहन सबब हो।

माया का विशाल संसार है,
दुख भी यहां पर अपार है।
पर सुख का भी कहीं बौछाड़ है,
यह कैसी भेद_भाव का नजारा है।

लाख कोशिश करने पर भी,
निराशा ही दामन में आती है।
अपार मेहनत के बाद भी,
खुशियों के फूल नहीं खिल रहे हैं।

मेरी आरजू  तो पूर्ण कर दे,
मेरे भी जीवन में वैभव भर दे।
कैसे कैसों को  सब कुछ दिए,
अब तो मुझ पर भी नजर दे।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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