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क्या पैसा ही सबकुछ है

Ranjana sharma 30 Mar 2023 कहानियाँ समाजिक Google 75395 0 Hindi :: हिंदी

मीनावती जो एक हाउसवाइफ थी ,वह अपनी दिनचर्या काम खत्म कर टीवी देखने बैठती है ।वह समाचार में देखती है कि एक कम उम्र के लड़के को गलत चीज की लत लग गई थी और उसे पैसे की जरूरत पड़ गई थीउसके  मां - बाप को जब पता चली तो वह पैसे देने से इंकार कर दिए जिसके कारण वह लड़का को गुस्सा आया और वह उन दोनों को एक चाकू से मार डाला।यह देख मिनावती सोच में पड़ जाती और गहरी सोच में डूब जाती है कि" पैसा क्या है ? जो हर रिश्ते - मर्यादा को लांघ कर आगे बढ़ते जा रही है।"आज पैसा हमसे वो करा बैठती है जो हम पहले कभी सपने में भी सोच नहीं सकते थें ।पैसा अगर हमारी जिदंगी में खुशियां लाती है तो पैसा ही हमारी तबाही का कारण बन जाती है ।पैसा है तो रिश्ते आपके इर्द - गिर्द घूमते हैं क्योंकि पैसे में बहुत ताकत होती है वह रिश्तेदारी को बांध कर रखती है ।मीनावती के दिमाग में एक ही सवाल बार - बार उठती है कि" क्या पैसा ही सबकुछ है ? क्या पैसा से ही हमारी जिदंगी चलती है ? यदि अगर ऐसा है तो लोग पैसा से प्यार क्यों नहीं खरीद लेते ,नफरत ही क्यों खरीदते हैं और इतनी नफरत की उनमें अच्छे - बुरे की पहचान ही खत्म हो जाती ,वे एक इंसान के रूप में एक ऐसा मानव बन जाते हैं कि सोच कर ही रूह कांप उठती है।"
                  धन्यवाद

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