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चलते जाओ , बढ़ते जाओ

RAJAT ROHIT RAJPUT 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य चलते जाओ रजत राजपूत 15990 0 Hindi :: हिंदी

तुम चलते जाओ अपने कर्तव्य पथ पर 
लोग तुम पर हंसते ही तो हैं
तुम दौड़ नहीं पाते लक्ष्य तक 
पर तुम धीमे धीमे चलते तो हो
तुम तेजी से आगे बढ़ नहीं पाते पर
 पुरानी स्तिथि से आगे बढ़ते तो हो
बढ़ते रहो चलते रहो कर्तव्य पथ पर
इन छोटी मोटी मुश्किलों से डरते थोड़ी हैं
चाहे लोग हों या कोई मुसीबत हो
इनके आगे झुकते थोड़ी हैं

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