Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

ऐ मेरे हमसफर

संदीप कुमार सिंह 26 Apr 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 19507 0 Hindi :: हिंदी

तेरे श्रंगारों में मैं ही तो बसता हूं,
तेरी हर अदाओं का मैं ही तो दिवाना हूं।
और कोई चेहरा ना पहचानु,
तूं ही तूं चारों तरफ_
तूं ही तूं चारों तरफ।
तुम वो हो शायद तुम्हें पता नहीं है,
मगर मैं जानता हूं तुम मेरे लिए,
उस कलाकार की अद्भुत कृति हो।
जो मेरे लिए ही जमीं पर भेजी गई हो।
ऐ मेरे हमसफर तेरी सुन्दरता,
सागर की लहरों की तरह है।
जो मुझे भींगों कर,
तेरे सीने में छुपा देता है।
तुम चांद की चांदनी हो,
तुम पूनम की चांद हो।
तुम फूल गुलाब की हो,
और उस खुशबू में मैं,
भौड़ा बना तेरे ऊपर मंडराता हूं।
ऐ मेरे हमसफर तुम कायनात,
की एक ही रानी हो,
तुम ही तो मेरे लिए जन्नत हो।
ऐ मेरे हमसफर तुम प्रकृति की बहार हो,
सावन की घटा हो ।
जो मुझे अद्वितीय आनन्द देती हो,
तेरी कोमल अंग किसी मेनका की भांति मुझे आकर्षित करती है।
तेरी जादुई कोयली सी सुरीली आवाज सम्मोहित करती है।
ऐ मेरे हम सफर तुम मेरे जिन्दगी के साज हो_आवाज हो_दिन हो_रात हो,
जो तूं नहीं तो कुछ भी नहीं।
जैसे बिना तेल के दिया।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह ✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: