Manu Vishwakarma 27 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 6590 0 Hindi :: हिंदी
राह से भटका मुसाफिर सा हो गया हूं , मैं कहीं खो गया हूं अपनो में ही गुम हो गया हूं, मैं कहीं खो गया हूं गाड़ी का पांचवा पहिया हो गया हूं , मैं कहीं खो गया हूं दुनिया की रेस में पीछे हो गया हूं , मैं कहीं खो गया हूं कहीं तेरी नजरो का तो नही हो गया हूं , शायद इसलिए खो गया हूं