Shamma parween 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 7609 0 Hindi :: हिंदी
वो साथी हो तुम मेरे जो ज़माने कि भीड़ मे भी खुद को रख के देखी हूँ अकेला महसूस नहीं कि हूँ तुम हमेशा ऐसे हि रहोगे किया ये दूनिया का सिर्फ सफर नहीं चाहिए आपके साथ जन्म जन्म के साथ हर जनम मे राहोगे किया बस इतना ही नहीं पर्स से अर्श तक का सफर निभाओगे किया कोई मुश्किल मे हाथ तो छोड़ ना जाओगे तुम दूर हो के मेरे पास हो ये एहसास तुम व कर पाओगे किया जानती हूँ सब समझती भी हूँ फिर भी मेरी गलती को बचपना समझ के माफ़ कर पाओगे किया खुले आसमान मे मैं उड़ना चाहती हूँ मुझे उड़ने कि आजादी दे पाओगे किया मुझे दुनिया के बुरी नज़र से बचाओगे किया मुझे अपना बनाओगे किया