संदीप कुमार सिंह 07 Jul 2023 कविताएँ अन्य मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 3611 0 Hindi :: हिंदी
तिनका _तिनका जर्रा_जर्रा है रोशनी से भरा, जो ख़्वाब खो गया था फिर से आ गया है। दिल के अरमानों में उफान आया है, बेकरारी में अब करार आया है। दिल पर एक नशा सा छा गया है, अहसास और करार में खो गए हैं। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....