Atul kumar Gupta 04 Apr 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत 2924 0 Hindi :: हिंदी
मेरा अधूरा प्यार... तुम्हारी स्नेह से बंधा मैं.. अब जांऊ कहाँ.. तुझ सा मीत मैं पांउ कहाँ तुम सा प्रीत अब लगे कहाँ.. सपनों के हर अंतिम रूप में तुम थी.. सुख के अंतिम कल में तुम थी.. तेरा मेरा रिश्ता गंगा था. तुम पलके थी,और मैं आंखे था.. तुम ख्वाब हुई,मैं खाक हुआ.. तुम आग हुई, मैं राख हुआ.. तुम सम्भली रही, मैं बिखर गया.. तुम जगती रही, मैं नींद हुआ.. ना शूल हुआ, न तीर हुआ.. ना बातें हुई, न विचार हुआ.. मेरा अधूरा प्यार हुआ...... Atul ✍🏻