संदीप कुमार सिंह 13 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में।जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 5709 0 Hindi :: हिंदी
अल्फाज़ ओं में मैंने सजा लिया है आपको, प्यार बेशूमार लूटा दिया है आप पर। सांसों के हर ताल पर तुम थिरकती हो, जुगनू सा नैना बीच चमकती हो। दूर तलक निगाह तलाशती रहती तुझे, तूं सिर्फ़ तूं ही नहीं आखरी मंज़िल भी हो। मेरे जीवन इम्तिहान के तुम फ़ल भी हो, अगले कई जन्मों के लिए भी मधुर संगम हो। तारों की टिमटिमाहट सी रौशनी हो, जहां में मेरे सिर्फ़ ओ सिर्फ़ मेरे ही हो। (स्वरचित मौलिक। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....