Rahul verma 30 Mar 2023 शायरी दुःखद किरदार/राहुल वर्मा /(नीर) 88303 0 Hindi :: हिंदी
नफरत है मुझे खुद के किरदार से; वहम की कोई दवा नही होती, वो कहती है कि मिट जाऊंगी तुझ पर; पर झुर्रियां कभी जवां नही होती, और जब चिल्लाती थी मेरी खामोशी; सुलगते हुए चिरागों के सामने, तो दीये बुझाकर कहती, कि अंधेरे में कभी जुबाँ नही होती....!