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किस्मत चमकेंगी-मुख बम बम बोल रहा है

सुजीत कुमार झा 18 Dec 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत Googal 4254 0 Hindi :: हिंदी

मुख बम बम बोल रहा है, तन अंदर हि अंदर डोल रहा है।भांग नसो को खोल रहा है, आँखे कुछ न कुछ टटोल रहा है।दिल भी अंदर हि अंदर बोल रहा है, मन मे कुछ न कुछ झक झोल रहा है।हिरनी सी आँखे गंगा उड़ेल रहा है, किस्मत चमकेंगी इसी आसार मे खेल रहा है। कब आएगा वो दिन जबअपनो से मेल होगा, दिलो वाली कुछ खेल होगा,स्वपनों से हट कर एक दूसरे मे मेल होगा।चले गी हवा पुरवैया ठंड मे हम दोनो करेगे तत थैया, वो सिमट कर होगी बाहो मे हम गीत गयेगे रहो मे,बाहो मे बाहे डाल घुमने चलेगे चौक चौराहो मे।सावन मे सज कर आयेगी मेरी सजनी, तब हम बन जायेंगे गजनी।हरि कलर मे भी हरियाली छाई उसकी सूट होगी, मेरे पाओ मे उसके पसंद कि बूट होगी।उसके सर पर प्यार कि भुत होगी, मै कहूंगा चल फुट फिर कभी होगी।वो रूठे गी तब मनाऊँगा,वो रोयेगी तो उसे दिल मे छुपा लूंगा।तब गाऊंगा छईया छईया, वो कहेगी चल मेरे कन्हैया।।

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