संदीप कुमार सिंह 11 Dec 2023 कहानियाँ समाजिक How to published articles? How to published articles on Facebook Group?How to install Instagram?How to Install Google? 7900 0 Hindi :: हिंदी
एक मां के दो पुत्र थे। उनके पति का कुछ दिन पहले अकास्मिक मौत हो गई थी। मां अपने दोनों पुत्र को पहले से और अधिक प्यार करने लगी। तथा मां_बाप दोनों की किरदार कर अपने बच्चों पर बेइंतहा प्यार लूटा रही थी। गरीबी के हालात से जूझते हुए भी मां ने दोनों बच्चों को पाल _पोसकर 18साल का कर दी थी। एक का नाम राम था तथा दूसरे का नाम श्याम था। राम तथा श्याम दोनों अब अपने गरीबी के हालात को समझने लगा था। सोच रहा था की शहर जाकर कोई काम पकड़ कर पैसा कमाया जाए एवं अपने गरीबी के हालात से मुक्ति पाया जाए। और माता को भी असीम खुशी दिया जाए। कुछ दिन बाद दोनों भाई घर से निकल कर मुंबई महानगर आ गया। दर_दर भटकने के बाद एक सेठ के यहां दोनों भाई को काम मिल गया।सेठ एक बहुत बड़े व्यापारी थे। उनका बड़ा कारोबार था। बस दोनों भाई को उनके कारोबार में ही हाथ बंटाना था। सेठ मोहन लाल बड़े ही नेक दिल इंसान भी थे। दोनों को कॉलेज में दाखिला भी दिला दिए थे। अब दोनों भाई पढ़ाई भी करने लगा था। एक दिन ऐसा आया राम पुलिस विभाग में दरोगा बन गया। और श्याम बहुत बड़ा आदमी बनने के चक्कर में गलत कारोबार के लोगों से जुड़ गया था।इधर सेठ मोहन लाल काफी उम्रदराज हो गए थे। अक्सर बीमार रहने लगे थे। एक दिन ऐसा आया की मौत ने उन्हें अपने बाहों में सुला ली। श्याम अंडर वर्ल्ड के गिरोह से जुड़ गया था। उसके ऊपर कई पुलिस चौकी में गोरख धंधा का मामला दर्ज था।इत्तफाक से राम का पुलिस चौकी गोरे गांव में था। वहां के पुलिस चौकी में भी श्याम के ऊपर गोरख धंधा करने का मामला दर्ज था। राम ने जब फाइल चेक किया तो श्याम की तस्वीर देखर हैरत में आ गया। उसे अफसोस हो रहा था की उसका अपना भाई इस तरह के घिनौना काम से जुड़ा हुआ था। वैसे तो श्याम ने राम को बताया था की मुम्बई से दुबई तक हमलोगों के समूह का इलेक्ट्रॉनिक का बड़ा व्यापार है। लेकिन ये लोग व्यापार के आड़ में नशीले पदार्थ का भी तस्करी करता था। जैसे:_चरस, गांजा, भांग, अफीम, हिरोइन इत्यादि नशीले पदार्थ। पहले तो राम ने अनजान बनते हुए श्याम से बात करना उचित समझा। राम ने बातों _बात में समझाया की श्याम तुम इस गलत धंधा को छोड़ दो।और अपने _आप को पुलिस के हवाले कर दो, जिस से तुम्हारी सजा भी कम हो जाएगी। श्याम मानने को तैयार नहीं हुआ। श्याम के पास पर्याप्त धन_दौलत हो गया था। और राम तो सिर्फ वेतन पर ही आधारित था।अपना तथा अपनी मां का पालन_पोषण सही ढंग से हो रहा था। श्याम की दोस्ती बड़े_बड़े सेठ एवम् और बदमाशों से था। पूरे ऐयाशी की जिन्दगी जी रहा था। श्याम के ऊपर इन सब बातों का खुमार चढ़ा हुआ था। श्याम अपने भाई राम को स्पष्ट शब्दों में कह दिया की मैं पुलिस के हवाले नहीं जाने वाला हूं। पुलिस मेरा कुछ नहीं कर सकती है। कुछ दिन बाद हमलोग दुबई में शिफ्ट हो जायेंगे। राम वापस उदास हो पुलिस चौकी लौट आया था। और सोचने लगा की मजबूरन श्याम को गिरफ्तार करना पड़ेगा। वैसे तो बहुत सारे पुलिस चौकी को श्याम की तलाश थी। और अब यह तलाशी अभियान और तेज हो गई थी।इधर श्याम और उसके साथी लोग दुबई भागने के लिए एयरपोर्ट पहुंच रहा था। श्याम और उसके साथियों को जरा भी पुलिस की भनक नहीं थी। राम भी अपने काफ़िला के साथ श्याम का पीछा कर रहा था। एयरपोर्ट पहुंचते_पहुंचते पुलिस ने श्याम की गाड़ी को घेर लिया। राम ने पिस्तौल श्याम के ऊपर तान दिया और उसे अपने हवाले में ले लिया। श्याम तथा उसके साथियों को पुलिस हिरासत में ले लिया गया तथा उन सबों पर मुकदमा चलाया गया। कोर्ट ने सबों को लाख_लाख रूपया मुचलका और 10_10साल की सजा सुनाई। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....